महापौर पूजा विधानी की फिसली जुबान,संप्रभुता को सांप्रदायिकता कहने पर दुबारा दिलाई गई शपथ, दांत खिसखिसा कर मजा लेते रहे विधानी के विरोधी गुट के नेता

ऋषिकेश त्रिवेदी ////नगर निगम में भाजपा और अन्य जीत कर आए पार्षदों सहित नवनिर्वाचित महापौर का शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को मुंगेली नाका चौक स्थित मैदान में आयोजित किया गया। भारी अव्यवस्था के बीच हुए शपथ ग्रहण समारोह में महापौर एल पद्मजा ने ही अपनी फजीहत करा दी। समारोह में महापौर ने शपथ लेते समय ‘सम्प्रभुता’ की जगह ‘साम्प्रदायिकता’ को अक्षुण्ण रखने की शपथ ले ली। जब समारोह में मजाक बना तो उन्हें दोबारा शपथ दिलाया गया।
गुरुवार को आयोजित बिलासपुर महापौर और पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह कई मायने में यादगार रहा। एक तो इतनी छोटी जगह को भरने के लिए सफाई कर्मचारियों और निगम के कई अन्य कर्मचारियों को बुलानी पड़ी। पत्रकार दीर्घा में पार्षदों और उनके रिश्तेदार बैठे रहे। समाज प्रमुखों के लिए आरक्षित कुर्सियों में भाजपा के नेता ठसन के साथ बैठे रहे। समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को आना था लेकिन वे भी नहीं आए। मंच पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, विधायक धरम लाल कौशिक, अमर अग्रवाल, सुशांत शुक्ला आदि मौजूद थे। शुरुआती औपचारिकता के बाद शपथ ग्रहण शुरू हुआ। पार्षदों के थोक में बुलाकर शपथ दिलाई गई। जब पार्षदों से उनकी आय और शैक्षणिक योग्यता पढ़ने को कहा गया तो कई पार्षदों ने गलत उच्चारण किया। अंत में कलेक्टर अवनीश शरण उन्हें इमला बोलकर शपथ के शब्दों को दोहराने के लिए कहना पड़ा। यह दृश्य देखकर मौजूद लोग ठहाके लगाते रहे कई तो पेट पकड़कर हंसते नजर आए। शपथ ग्रहण समारोह में महापौर एल पद्मजा ने पहले ही दिन अपनी फजीहत करा डाली। शपथ के पंक्तियां पढ़ते वक्त महापौर ने सम्प्रभुता’ को अक्षुण्ण रखने की जगह ‘साम्प्रदायिकता’ को अक्षुण्ण रखने की शपथ ले ली। उनके इतना कहते ही मंच से लेकर दर्शक दीर्घा में बैठे लोग खिलखिलाकर हंस पड़े। इसके बाद भी उन्हें गलती होने का अहसास नहीं हुआ लेकिन अधिकारियों को समझ आ गया। वे तत्काल उनके पास गए और दुबारा शपथ लेने के लिए कहा। फिर उन्हें दुबारा शपथ दिलाई गई और किसी तरह शपथ ग्रहण समारोह की औपचारिकता पूरी की गई।

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