

अफसरों की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते लगता है किसानों को परेशानी हो सकती है।उत्कृष्ट किसानों को बीज के लिए भटकना पड़ रहा है, धान का आधार बीज अभी तक समितियों में नही पहुचा है,, जिन किसानों को धान का फाउंडेशन बीज चाहिए उन्हें अभी दस से पंद्रह दिन और इंतजार करना पड़ेगा।किसानों को बोनी के लिए एक जून के आसपास बीज मिल जाता है तो उन्हें दिक्कत नही होती लेकिन इसके बाद बीज मिलता है तो खेती का काम भी देरी से होने के साथ महंगा हो जाता है लिहाजा बीज अगर शासन स्तर पर जल्दी मिल जाए तो खेती किसानी का काम भी तेज गति से होने लगता है।जिन किसानों को थरहा देना है उन किसानों को थरौटी का काम पूरा करना है।लेकिन किसान अभी बीज का इंतजार कर रहा है।या फिर मजबूरी में प्रमाणित बीज से ही उसे काम चलाना पड़ेगा।जरूरत है अफसरों को फुर्ती दिखाने की ताकि किसानों को धान का आधार बीज मिल सके
