खेत में काम कर रहे मजदूरों पर मधुमक्खियों का अटैक,दो मजदूरों की हुई मौत,घायलों को किया गया अस्पताल में भर्ती

ऋषिकेश त्रिवेदी ////5/10/2025////रविवार की सुबह राजनांदगांव जिले के बजरंगपुर नवागांव वार्ड में एक दर्दनाक हादसा हो गया। खेत में काम कर रहीं महिलाओं पर अचानक मधुमक्खियों के विशाल झुंड ने हमला कर दिया।
हमले में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हैं। यह घटना सुबह करीब नौ बजे की है। मालूम हो कि पिछले दिनों बिलासपुर जिले के मस्तूरी रोड पर बड़ी संख्या में मधुमक्खियां ने राहगीरों, बाइक चालक पर हमला कर दिया था जिससे कई लोग घायल भी हुए थे। इसके अलावा बिलासपुर शहर स्थित सिम्स, कलेक्ट्रेट समेत शहर के कई जगह पर इस तरह की घटनाएं हो चुकी है।

सुशीला देवांगन (50), पार्वती साहू, माया डोंगरे, सुनीता यादव और सुमित्रा साहू रोज की तरह खेत में काम करने गई थीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिलाएं खेत में टिफिन निकालकर नाश्ता कर रही थीं, तभी पास के पेड़ पर मौजूद मधुमक्खियों के छत्ते से निकला बड़ा झुंड अचानक उनके ऊपर टूट पड़ा।
हमला इतना तीव्र था कि कोई कुछ समझ नहीं सका। पास में मौजूद शिव यदु (55) और उनका बेटा भी इस हमले की चपेट में आ गए। मौके पर सहायता न मिलने से सभी काफी देर तक वहीं तड़पते रहे।

ग्रामीणों को जानकारी मिलने पर उन्होंने झुंड छंटने के बाद घायलों को खेत से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने शिव यदु और सुशीला देवांगन को मृत घोषित कर दिया। अन्य घायलों—माया डोंगरे, सुमित्रा साहू, सुनीता यादव, पार्वती साहू और शिव यदु के बेटे का इलाज जारी है। डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल सभी की हालत स्थिर है, लेकिन उन्हें निगरानी में रखा गया है।

1: क्यों हमला करती हैं मधुमक्खियां?
मधुमक्खियां सामान्यतः शांत स्वभाव की होती हैं, परंतु जब उन्हें छत्ते या रानी मधुमक्खी पर खतरा महसूस होता है, तो वे सामूहिक हमला करती हैं।
तेज आवाज, कंपन, या धुआं भी उन्हें आक्रामक बना देता है।
गर्मी या नमी अधिक होने पर भी उनका व्यवहार असामान्य हो सकता है।
खेतों में लगे कीटनाशक या फसलों की गंध भी कई बार उन्हें उत्तेजित कर देती है।
2: मधुमक्खियों की दुनिया – 36 से अधिक प्रजातियां
भारत में पाई जाने वाली प्रमुख मधुमक्खियां:

एपिस डोर्साटा (रॉक बी) – सबसे बड़ी और आक्रामक प्रजाति।
एपिस सेरेना (भारतीय मधुमक्खी) – शहद उत्पादन में उपयोगी।
एपिस फ्लोरा (छोटी मधुमक्खी) – फूलों के परागण में सहायक।
एपिस मेलिफेरा (यूरोपीय मधुमक्खी) – वैज्ञानिक पालन के लिए प्रसिद्ध।
इनके अलावा देश में कुल 36 से अधिक प्रजातियां दर्ज की गई हैं, जिनका पारिस्थितिक संतुलन में अहम योगदान है।
3: अगर मधुमक्खी का हमला हो जाए तो क्या करें
✅ शांत रहें और भागते हुए हाथ न हिलाएं।
✅ चेहरा और सिर किसी कपड़े या कपड़े के टुकड़े से ढकें।
✅ तुरंत घर या वाहन जैसे बंद स्थान में शरण लें।
✅ शरीर में फंसे डंक को नेल या कार्ड से धीरे निकालें, न कि चिमटी से।
✅ बर्फ का सेक करें और दर्द या सूजन होने पर एंटीहिस्टामिन लें।
✅ अगर सांस लेने में तकलीफ या चक्कर आए तो तुरंत अस्पताल जाएं – यह एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है।

4: मधुमक्खियों के हमले के बाद प्राथमिक इलाज
एलर्जी इंजेक्शन (एड्रेनालिन) जीवन रक्षक हो सकता है।
डॉक्टर की देखरेख में एंटीहिस्टामिन और स्टेरॉयड दी जाती है।
पीड़ित को ऑक्सीजन सपोर्ट या इमरजेंसी ऑब्जर्वेशन में रखा जाता है।
शिशु, बुजुर्ग और एलर्जिक रोगियों में यह हमला जानलेवा साबित हो सकता है।
5: बचाव के उपाय
खेतों या जंगलों के किनारे काम करते समय आसपास पेड़ों या झाड़ियों पर छत्ते न हों, यह जांच लें।
छत्ता दिखे तो खुद न हटाएं, इसके लिए फायर ब्रिगेड या वन विभाग को सूचना दें।
तेज परफ्यूम, धुआं, और कंपन वाले उपकरण खेत में न ले जाएं।
शहद निकालने का कार्य सुबह-सुबह या ठंडे समय में करें।
💬 विशेषज्ञ राय
कीट विशेषज्ञ डॉ. अर्चना सिंह (कीट अनुसंधान केंद्र, रायपुर)

“मधुमक्खियों के हमले अक्सर गर्म मौसम या शोर-ध्वनि के कारण बढ़ जाते हैं। ग्रामीण इलाकों में इस तरह के हादसे रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। मधुमक्खियां हमारे पर्यावरण के लिए बेहद जरूरी हैं, लेकिन सावधानी न बरती जाए तो उनका समूह घातक हो सकता है।”

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