
राज्य सरकार की ओर से समर्थन मूल्य में धान खरीदी के लिए भले ही तीन महीने का समय निर्धारित किए हों लेकिन बेमौसम बारिश और बेतहाशा छुट्टियों से धान बिक्री करना कठिन हो रहा है।लगभग 90 दिन की खरीदी में 55 दिन से अधिक छुट्टियां और बारिश से फड़ गीला होने की वजह से जो तकलीफ शुरू हुई है, वह लगातार जारी है, आज टोकन कटाओ तो 15 से अधिक की तारीख खरीदने की मिलती है, जिससे किसानों को अपने कोठार में ही रखवारी करनी पड़ रही है।एक बार मे जो किसान धान नही बेच पाए उसे दो बार और टोकन मिलता है, लेकिन 15 से बीस दिनों का अंतराल होने से किसान हैरान हो गए हैं। जरुरत है शासन स्तर पर बेहतर व्यवस्था बनाने की ताकि छुट्टियों के दिन कम हो सकें, और सही समय पर धान की बिक्री हो सके।जिस कछुआ गति से खरीदी की जा रही है उससे तो टार्गेट भी पूरा नही हो सकता साथ ही किसानों का धान भी नही बिक पाएगा

