ऋषिकेश त्रिवेदी //// गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (जीजीयू) के 72 कर्मचारियों का 15 साल से अधिक समय से चल रहा न्याय संघर्ष अब भी जारी है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लगातार जीत के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इन कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय में एलडीसी और एमटीएस पदों पर कार्यरत ये कर्मचारी वर्ष 1997 से पूर्व दैनिक वेतन भोगी के रूप में सेवाएं दे रहे थे। शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनी तो 5 मार्च 2008 और विश्वविद्यालय के आदेश 26 अगस्त 2008 के अनुसार सभी कर्मचारियों को नियमित कर वेतनमान दे दिया गया था। मार्च 2009 तक नियमित वेतनमान मिलने के बाद विश्वविद्यालय ने बिना किसी आदेश या सूचना के अप्रैल 2009 से पुनः इन्हें दैनिक वेतनभोगी मानकर भुगतान शुरू कर दिया। कर्मचारियों ने इस निर्णय को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। जिसके बाद पिछले 15 साल से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर किए गए, यहां से इनके पक्ष में फैसला आने के बाद भी आज तक वे नियमित नहीं किए गए हैं।जबकि 8 कर्मचारियों की मौत और 15 रिटायर भी हो गए हैं।

