
ऋषिकेश त्रिवेदी::::छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहारों में से एक छेरछेरा का त्यौहार है, जिसमे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक इस त्योहार का बढ़ चढ़ कर हिस्सा बनते हैं।फिर चाहे महिला हो या पुरुष पूरे अधिकार के साथ अपना हिस्सा मांगते हैं।इस त्यौहार में घर घर से गाँव के लोग अनाज की मांग करते हैं फिर अनाज को कूट पीस कर इष्टदेव को भोग लगाते हैं ।इसके बाद खुद भी भोजन करते हैं, साथ ही दिनभर भजन कीर्तन का दौर चलता है।हालांकि अब इतनी शिद्दत से इस त्यौहार को कम ही मनाया जाता है।किसानों की ओर से इस त्यौहार को मनाने के पीछे धान के अच्छे उत्पादन के बाद सभी देवी देवताओं को धन्यवाद के रूप में भोग लगाकर भजन कीर्तन हुआ करता है।और देवी देवताओं से आगामी फसलों में भी अच्छे उत्पादन के लिए मिन्नतें होती हैं।


