ऋषिकेश त्रिवेदी //// किसान प्रवीण पाटनवार ने ACB से शिकायत की थी कि उसकी दिवंगत मां की 21 एकड़ कृषि भूमि का नामांतरण कराने के लिए तहसीलदार की ओर से लगातार रिश्वत मांगी जा रही है। ग्राम बिटकुला निवासी इस किसान का आरोप था कि पहले 1.5 लाख रुपये की डिमांड की गई, फिर “नेगोशिएशन” के बाद 1.20 लाख में सौदा पक्का हुआ।
ACB ने शिकायत की सत्यापन प्रक्रिया पूरी की और फिर पूरी रणनीति तैयार की। आरोपी को पहली किश्त 50 हजार रुपये देने का तय समय और जगह तय की गई — एनटीपीसी सीपत स्थित कॉफी हाउस।
जैसे ही नोट हाथ में आए… ACB की टीम ने कर दी घेराबंदी
नियत समय पर शिकायतकर्ता ने रकम सौंपी। आरोपी के हाथ में नोट आते ही ACB की टीम पहले से सक्रिय हो चुकी थी। टीम ने मौके पर ही आरोपी को पकड़ लिया। रिश्वत की रकम को जब्त किया गया और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई।
तहसील दफ्तरों में हड़कंप— ACB की 37वीं ट्रैप कार्रवाई
ACB अधिकारियों के मुताबिक पिछले डेढ़ साल में बिलासपुर में यह 37वीं ट्रैप कार्रवाई है। लगातार हो रही कार्रवाई संकेत देती है कि पटवारी से लेकर उच्चाधिकारियों तक रिश्वतखोरी के खिलाफ एजेंसी की “सर्जिकल स्ट्राइक” जारी है।
डीएसपी अजितेश सिंह ने बताया कि आरोपी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया है। और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

